इन पांच मसालों में छुपा है कितने रोगों का इलाज ?
Spices rich in taste and health |
घर की रसोई में कई ऐसे मसाले होते हैं जिनका उपयोग कर हम कई स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकते हैं आयुर्वेद के अनुसार ऐसी ही कुछ औषधियों की जानकारी हम आप तक पहुंचा रहे हैं |
दाल,भात,सब्जी,रायता आदि बनाते समय तड़का (छौंक) लगाने का प्रचलन सदियों पुराना है | यह खाने को स्वादिष्ट तो बनाता ही है साथ ही हमारे शरीर को भी सेहतमंद रखता है |
तड़का (छौंक) लगाने के लिए हींग, जीरा, अजवाइन, मेथी, धनिया आदि का प्रयोग किया जाता है |
हींग और जीरा का प्रयोग तो लगभग सभी सब्जी और दालों में किया जाता है | मेथी, धनिया, अजवाइन का प्रयोग खास व्यंजन में किया जाता है |
जैसे - मेथी का प्रयोग कड़ी सीताफल की सब्जी और उड़द की दाल के लिए होता है किया जाता है अजवाइन का प्रयोग भिंडी अरबी की सब्जी के लिए किया जाता है | धनिया का प्रयोग बैगन आदि की सब्जी के लिए किया जाता है |
अजवायन के गुण -:
यह हल्की चटपटी ,तीक्ष्ण पाचक ,उष्ण ,रुचिकारक ,पेट के कीड़ो को नष्ट करने वाली , अग्नी को प्रदीप्त करने वाली स्वाद में कड़वी होती है |
यह स्त्री रोगों में बहुत ही लाभदायक है |
यह स्त्री रोगों में बहुत ही लाभदायक है |
1 . अजवायन से उपचार -:
अजवायन |
1 . यदि अजीर्ण की शिकायत हो तो प्रातः खाली पेट दो ग्राम अजवायन का पानी के साथ सेवन करने से लाभ होता है |
2 . चेहरे पर कील-मुंहासे या झाइयां हो गई हो तो 25 से 30 ग्राम अजवाइन को पीसकर 30 ग्राम दही में अच्छी तरह मिलाकर कर रात में चेहरे पर अच्छी तरह से लेप कर लें | सुबह गुनगुने पानी से चेहरे को धो लें | नित्य प्रयोग करने से 1 सप्ताह के अंदर फर्क महसूस होगा |
3 . यदि सर्दी से परेशान है तो एक चम्मच अजवायन और आधा चम्मच सोंठ पावडर दोनों को मिलाकर प्रातः सायं गुनगुने पानी से लें सर्दी में अवश्य ही लाभ होगा |
4 . जोड़ो के दर्द के लिए सरसों के तेल को हल्का गर्म करके लहसुन और अजवायन डाल कर उस तेल से मालिश करने से जोड़ो में दर्द नहीं होता |
5 . अगर मासिक चक्र का समय ठीक नहीं है, या उस समय पेट में दर्द होता है | तो करे यह उपाय - 10 ग्राम अजवाइन 10 ग्राम पुराना गुड दो कप पानी में उबालें | आधा कप शेष रहने पर छानकर सुबह-शाम सेवन करे जब तक मासिक ठीक ना आए व् गर्भाशय साफ होकर रक्त की वृदधि ना हो जाए |
2 . हींग से उपचार -:
हींग |
पेट के रोगों में हींग का सेवन बहुत ही लाभप्रद रहता है | यह सूजन , काली खांसी, कब्ज , डकार, हिचकी , हिस्टीरिया, पसली दर्द, पेट दर्द में बहुत ही लाभकारी है |
1. दाढ़ दर्द के लिए चुटकी भर हींग को तवे पर भून लें उसे रुई के फोहे में लगाकर दर्द वाली दाढ़ रखे ऐसा करने से दाढ़ दर्द में तुरंत आराम मिलता है |
2 . यदि पेट में आवं ,मरोड़ या दर्द है तो चुटकी भर हींग को एक बूंद पानी में मिलाकर उस लेप को नाभि पर लगाये | इस उपाय को करने से , पेट में कैसा भी दर्द हो तुरंत लाभ होगा |
3 . शुद्ध तिल के तेल में सोंठ और हींग मिलाकर गरम करे | ठंडा होने पर उस तेल से शरीर में दर्द वाली जगह मालिश करने आराम मिलता है | इस तेल की मालिश करने से कमर दर्द , जोड़ो के दर्द , जकड़न,लकवा और वायु जैसे रोगों में आराम मिलता है |
4 . यदि पैर अथवा हाथ में लकड़ी की फांस ,काँटा चुभ गया है तो चुटकी भर हींग को पानी में घोल कर उस लेप को लगाने से फांस ,काँटा तुरंत निकल जाता है |
5 . पेट के कीड़े निकालने के लिए टमाटर के रस में हींग मिलाकर पिने से पेट के सारे कीड़े मर कर मल के साथ बाहर निकल जाते है |
3 . जीरा से उपचार -:
जीरा |
जीरा ठंडा ,सुगंदित और पाचक पदार्थ है | जीरा पेट में मौजूद एंजाइमों को उत्तेजित करता है जिससे भोजन को पचाने में आसानी होती है खाने में अरुचि, पेट फूलना ,अपच ,दस्त ,पेट के कीड़े, त्वचा रोग ,प्रदर रोग , मुख की दुर्गन्ध आदि रोगों में लाभदायक है |
1 . अगर मुख से दुर्गंध आती है | तो पांच ग्राम जीरा प्रतिदिन सुबह खाली पेट चबा -चबा कर खाने से मुख की दुर्गंध से छुटकारा मिलेगा |
2 . खूनी बवासीर में जीरे को ठंडे पानी में पीस कर इस लेप को गुदा द्वार पर लगाने से आराम मिलता है |
प्रतिदिन दिन में एक बार इस प्रयोग से दस दिन में खून आना बंद हो जाता है और बवासीर में राहत मिलती है |
3 . जीरे के बीज के पावडर में पुराना गुड़ मिलाकर गुनगुने पानी के साथ सेवन करने से सर्दी -जुकाम में आराम मिलता है |
4 . जीरे के पावडर और गुड़ को पानी के साथ दिन में दो बार प्रतिदिन सेवन करने से जो महिलाएं अपने बच्चों को स्तनपान कराती है उनके दूध में वृद्धि होती है |
4 . मेथी से उपचार -:
मेथी |
यह वायु विकार , वातरोग ,गठिया ,अर्श ,भूख ना लगना , कब्ज ,मधुमेह ,मंदाग्नि ,पेचिस ,मुख की दुर्गंध , मूत्र विकार ,उदर विकार , आदि में लाभकारी है |
1 . रात को एक चम्मच मेथी दाना साफ़ पानी में भिगोकर रख दे | सुबह नित्यकर्म के बाद खाली पेट इसका सेवन करे , घुटनों एवं जोड़ो के दर्द ,कब्ज , स्नायु रोग ,मूत्र विकार , सुखा रोग ,खून की कमी आदि रोगों में लाभदायक है |
2 . मुख की दुर्गंध के लिए एक चम्मेमच मेथी के दानों को रात को पानी में भिगोकर रख दे | सुबह उसी पानी से कुल्ला करें इससे आपके दांत भी साफ होंगे और मुंह से दुर्गंध भी नहीं आएगी |
3 . चेहरे के दाग धब्बे और रंग साफ करने के लिए मेथी दानों को दूध में भिगोकर 2 घंटे के लिए रख दें | फिर इसका उबटन बनाकर प्रतिदिन चेहरे पर लगायें ऐसा करने से चेहरे के दाग धब्बे मिट जाते हैं और रंग भी साफ होता है |
4 . मधुमेह के रोगियों के लिए मेथी दाना और जीरा भोजन में प्रतिदिन प्रयोग करें इससे मधुमेह नियंत्रित रहता है रायते में मेथी का तड़का लगाकर भी आ सकते हैं |
5 . वायु विकार ,पेट गैस मे मेथी का साग -सब्जी बनाकर खाने से लाभ मिलता है
5 . धनिया से उपचार -:
धनिया |
आंखों के रोग, जलन, दमा, उल्टी, उधर के रोग, गले के रोग, ह्रदय रोग, मलेरिया, चक्कर आना, वातव्याधि, में खासतौर से धनिया का प्रयोग किया जाता है |
1 . 25 ग्राम धनिया 25 ग्राम जीरा शुद्ध कि मैं पका कर खाने से कफ और मंदाग्नि जैसे रोगों में लाभ मिलता है |
2. दस ग्राम धनिया और दस ग्राम आंवले को थोड़े से पानी में भिगोकर रात को रख दें | सुबह उस पानी में मिश्री मिलाकर फिर उसे छानकर पियें | तीन-चार दिन लगातार इसे पिने से चक्कर आने की बीमारी दूर हो जाती है |
3 . हाथ पांव में जलन होने पर सौंफ और धनिया बराबर मात्रा में मिलाकर पीस लें | फिर इसमें मिश्री मिलाकर रख दें | खाना खाने के बाद 5 ग्राम चूर्ण का सेवन करने से कुछ ही दिनों में हाथ पैरों की जलन में आराम मिलता है |
4 . मुंह के छालों में धनिया पाउडर को छालों पर मलने से छालों में आराम मिलता है |
Nice article thanks
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