फिटकरी के गुण :
फिटकरी एक रंगहीन,क्रिस्टलीय पदार्थ है , फिटकरी का रासायनिक नाम "Potassium aluminum sulfate"है, इसे Latina भाषा में "alum" भी कहते है |
फिटकरी हमारे लिए एक बहुत ही उत्तम औषधि है | यह बहुत ही महत्वपूर्ण है अतः हर घर में हर समय फिटकरी रहना आवश्यक है |
फिटकरी के आयुर्वेदिक उपयोग :
1. दांत दर्द में लाभकारी है फिटकरी :
फिटकरी और रीठे की गुठली को बारीक पीस कर इसका चूर्ण बनाकर दांतों पर मलने से दांत दर्द में शीघ्र लाभ मिलता है |
2. पायरिया :
पांच ग्राम फिटकरी के चूर्ण में जामुन की लकड़ी के कोयले को बारीक पीस कर मिलायेंं और इस मिश्रण को दांतों पर हल्के-हल्के मले | पायरिया रोग में शीघ्र ही आराम मिलेगा |
3. आँख के रोहे :
यह बहुत ही कष्ट कारक रोग है इस रोग में फिटकरी अत्यंत ही लाभदायक औषधि है |
10 ग्राम फिटकरी , 10 ग्राम सुहागा , 3 ग्राम कलमी शोरा इन तीनो को बारीक पीस कर मिलाकर अच्छी तरह छानकर दो -दो बूंद सुबह शाम आँखों डालेंं शीघ्र ही लाभ मिलेगा |
4. पीलिया :
10 ग्राम फिटकरी बारीक पीसकर इसके 20 भाग करके एक-एक भाग दिन में तीन बार गाय के दूध के साथ सेवन करे | यह पीलिया रोग में बहुत ही उत्तम औषधि है |
5. कुष्ठ रोग :
100 ग्राम फिटकरी पीसकर चूर्ण बना लेंं | गाजर तथा मूली के रस में एक चम्मच शहद और 2 रत्ती फिटकरी का चूर्ण मिलाकर प्रतिदिन सेवन करने से कुष्ठ रोग में शीघ्र लाभ होगा |
6. ज़ख्म होने पर :
यदि किसी प्रकार आप को चोट लग गई और हल्का फुल्का जख्म हो गया है तो फिटकरी पीसकर कटे हुए भाग पर बुरक देंं | जख्म को पकने से बचाव होगा तथा जख्म शीघ्र ही भर जाएगा |
7. बुखार :
यदि बुखार हुआ है तो थोड़ी सी सोंंठ में फिटकरी मिलाकर बतांंसे के साथ खिलाएं बुखार उतर जाएगा |
8. अन्दरूनी चोट लगने पर :
यदि किसी रूप में अंदरूनी चोट आ गई हो | जैसे - फिसल का गिरने आदि से शरीर के किसी भी स्थान पर चोट आ गई हो | तो वह चोट आंतरिक रुप से घातक हो सकती है | ऐसे में आधा किलो दूध में हल्दी डालकर अच्छी तरह उबालेंं फिर उसे आंच पर से उतार लें तत्पश्चात उसमें थोड़ी सी फिटकरी पीसकर डाल दें और पिलायें | बहुत उत्तम औषधि है |
9. पसीने की दुर्गंध :
यदि पसीने में दुर्गंध आती है | तो नहाते समय पानी में थोड़ी फिटकरी डाल लेंं | लगातार कुछ दिन इस प्रयोग को करने से पसीने की दुर्गंध से निजात मिलेगी |
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