बच्चोंं को हरी सब्जियांं अवश्य खिलाए -
children eating |
डॉक्टर आमतौर पर बच्चोंं के दो साल का होने पर उनके माँ -बाप को यही सलाह देते है | कि बच्चोंं को दिन में दो से तीन बार सब्जी अवश्य खिलाए | किन्तु डॉक्टर अक्सर यह बताना भूल जाते है कि कितनी मात्रा में बच्चो को सब्जी खिलाई जाए | यहाँ माता -पिता को यह बात जान लेना बहुत जरुरी है कि जब बच्चा ठोस आहार लेना शुरू करता है तो शुरू में बच्चो को ठोस आहार की बहुत कम मात्रा देनी चाहिए और धीरे -धीरे इस मात्रा को बढ़ाते रहना चाहिए जब तक बच्चा उस आहार को रूचि लेकर खाये और उसे कोई परेशानी ना महसूस हो |
दुनिया के विभिन्न परवरिश केन्द्रों में बच्चोंं के खान - पान को लेकर हुए तमाम प्रयोगों से यह साबित हो चूका है कि उन्हें अधिक से अधिक फल और सब्जियांं खिलाने की कोशिश की जानी चाहिए | ऐसा करने से जब बच्चें बड़े होते है | तब वह ह्रदय रोग और कैंसर जैसे खतरों से दूर रहते है | बच्चोंं को अधिक से अधिक मात्रा में हरी सब्जियांं खिलानी चाहिये | इससे उन्हें विटामिन और खनिज लवण भरपूर मात्रा में मिल जाते है हरी सब्जियों में बच्चो के विकास हेतु तमाम आवश्यक तत्व प्रचुर मात्रा में पाये जाते है | मसलन - शिमला मिर्च ,टमाटर ,बंदगोभी और अंकुरित अनाजोंं में विटामिन सी काफी मात्रा में पाई जाती है |इसी तरह शकरकंद ,मटर ,गाजर ,मक्का और कद्दू में तमाम अलग - अलग पोषक तत्व मौजूद रहते है |
बच्चोंं को बहुत छोटे में ही सभी तरह की सब्जियों के स्वाद से परिचित कराया जाना चाहिये इसके लिए कुछ उपाए करने जरुरी होते है | सबसे अच्छा और सरल उपाए यह है कि भोजन को सुन्दर बनाया जाए जिससे कि वह देखने में अच्छा लगे डॉक्टर अक्सर यही सलाह देते है कि बच्चो को instant ready to eat food जैसी चीजो से बचाए लेकिन यह महज ज्ञान की बात है बच्चो को इन बजारू चीजो से तभी बचाया जा सकता है जब उन्हें उनकी रूचि का विविधता पूर्ण भोजन बनाया जाए जो स्वादिष्ट होने के साथ -साथ दिखने में आकर्षक हो | इसी तरीके से बच्चों को ज्यादा से ज्यादा सब्जियां खानी सिखाई जा सकती है |
सब्जियों को कच्चा ही दिया जाए या उन्हें पकाया जाए इस सवाल पर भी बहुत गफलत रहती है दरअसल सब्जियों को दोनों ही तरीको से खाया जा सकता है | और यह दोनों ही तरीके उन्हें भरपूर पोषण देते है वैसे कुछ मामलो में कच्ची सब्जियां ज्यादा पोषण से भरपूर होती है इनसे पाचन शक्ति ठीक रहती है | शरीर के तंतुओ के निर्माण की प्रक्रिया भी सहज रहती है |जबकि पकी सब्जियाँ खाने से कैंसर से बचाव में सहायता मिलती है | कच्चे टमाटर में लाइकोपेन नामक तत्व पाया जाता है | पकाने पर यह तत्व आसानी से शरीर में घुल जाता है | केचअप ,टमाटर की चटनी ,या टमाटर के जूस में यह काफी मात्रा में पाया जाता है | बिटाकैरोटीन नामक तत्व से शरीर में कैंसररोधी क्षमता पैदा होती है | उबली हुई गाजर में यह काफी मात्रा में पाया जाता है | हरी पत्तेदार सब्जियांं , पालक और फूलगोभी में पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व पाये जाते है |
ज्यादातर बच्चे कड़वे और कच्चे प्याज खाना पसंद नहीं करते इसलिए उन्हें प्याज को अच्छी तरह पका कर खिलाना चाहिये जिसमे कैंसररोधी तत्व क्वेरिसिटन पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है |सवाल है माताएं कैसे जाने की बच्चों द्वारा खाई जाने वाली सब्जियां सच में पोषक तत्वों से भरपूर है वास्तव में इसके लिए सब्जियों के पकाने के तरीके को गंभीरता से समझना चाहिए क्योंकि अगर पकाने का तरीका सही ना हो तो इन सब्जियों में अधिकतर पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं लेकिन अगर सावधानी और सजगता से इन्हें बनाया जाए तो इनको 75 से 90 प्रतिशत तक सुरक्षित रखा जा सकता है | इससे सब्जियों में मौजूद विटामिन ,खनिज लवण सुरक्षित रहते है और हमारे शरीर की जरूरतों को पूरा करते है | यह जानना आवश्यक है कि विटामिन बी और सी पानी में घुलनशील होते है यह ज्यादा तापमान पर नष्ट हो जाते है | इसलिए विटामिन बी और सी युक्त खाद्य पदार्थ जब भी पकाये जाए तो उन्हें कम पानी में और कम समय तक पकाया जाए | इससे उनमें मौजूद तत्वों के नष्ट होने की संभावना नहीं होती
पोषक तत्वों को सुरक्षित रखने के लिये खाद्य पदार्थो को या तो भाप में पकाए या फिर कम तेल में तलकर पकाए इसी तरह उन्हें कम पानी में उबाला जाना चाहिये | साथ ही पानी में अच्छी तरह उबाल आने पर ही उसमे सब्जियांं डालें |सब्जियों को उबालकर उनका सूप तैयार करके या उन्हें तरल रूप में पकाकर उसके पोषक तत्वों को सुरक्षित रखा जा सकता है | पालक , आलू , फलियों में मौजूद आयरन की मात्रा को बढाने के लिए उन्हें लोहे की कडाही में पकाये |
भोजन में विटामिन सी की मात्रा बढाने के लिए पकी सब्जियों में नींबू या टमाटर का रस डालकर पकाए | इससे आयरन युक्त सब्जियों में मौजूद आयरन भी सुरक्षित रहता है | सब्जियों को ताज़ा और सुरक्षित रखने के लिए उन्हें एयरटाइट डिब्बे में बंद करके फ्रिज में रखे |
ज्यादातर बच्चे कड़वे और कच्चे प्याज खाना पसंद नहीं करते इसलिए उन्हें प्याज को अच्छी तरह पका कर खिलाना चाहिये जिसमे कैंसररोधी तत्व क्वेरिसिटन पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है |सवाल है माताएं कैसे जाने की बच्चों द्वारा खाई जाने वाली सब्जियां सच में पोषक तत्वों से भरपूर है वास्तव में इसके लिए सब्जियों के पकाने के तरीके को गंभीरता से समझना चाहिए क्योंकि अगर पकाने का तरीका सही ना हो तो इन सब्जियों में अधिकतर पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं लेकिन अगर सावधानी और सजगता से इन्हें बनाया जाए तो इनको 75 से 90 प्रतिशत तक सुरक्षित रखा जा सकता है | इससे सब्जियों में मौजूद विटामिन ,खनिज लवण सुरक्षित रहते है और हमारे शरीर की जरूरतों को पूरा करते है | यह जानना आवश्यक है कि विटामिन बी और सी पानी में घुलनशील होते है यह ज्यादा तापमान पर नष्ट हो जाते है | इसलिए विटामिन बी और सी युक्त खाद्य पदार्थ जब भी पकाये जाए तो उन्हें कम पानी में और कम समय तक पकाया जाए | इससे उनमें मौजूद तत्वों के नष्ट होने की संभावना नहीं होती
पोषक तत्वों को सुरक्षित रखने के लिये खाद्य पदार्थो को या तो भाप में पकाए या फिर कम तेल में तलकर पकाए इसी तरह उन्हें कम पानी में उबाला जाना चाहिये | साथ ही पानी में अच्छी तरह उबाल आने पर ही उसमे सब्जियांं डालें |सब्जियों को उबालकर उनका सूप तैयार करके या उन्हें तरल रूप में पकाकर उसके पोषक तत्वों को सुरक्षित रखा जा सकता है | पालक , आलू , फलियों में मौजूद आयरन की मात्रा को बढाने के लिए उन्हें लोहे की कडाही में पकाये |
भोजन में विटामिन सी की मात्रा बढाने के लिए पकी सब्जियों में नींबू या टमाटर का रस डालकर पकाए | इससे आयरन युक्त सब्जियों में मौजूद आयरन भी सुरक्षित रहता है | सब्जियों को ताज़ा और सुरक्षित रखने के लिए उन्हें एयरटाइट डिब्बे में बंद करके फ्रिज में रखे |
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें