आयुर्वेद में शहद के लाभों का उल्लेख कुछ इस प्रकार किया गया है :-
शहद सुकुमारता करने वाला स्त्रोत्रोंं को शुद्ध करने वाला ,कसैले रस सहित ,आहलाद कारक ,प्रसाद्जनक ,वर्ण को उज्वल करने वाला बुद्धिकारक ,वृष्य विषद ,रुचिकारक ,कोढ़ ,बवासीर ,खांसी ,कफ़ ,पित्त ,रक्त विकार ,प्रमेह ,ग्लानी कृमी और भेद ,वृषा ,वमन ,श्रवास ,हिचकी ,अतिसार ,मलबंध ,दाह , क्षत और क्षय इन सबको नष्ट करता है |
Honey |
शहद के गुण :-
1 . दूध , अंडे, सेब , ताजे मटर की अपेक्षा शहर में कैलोरी इन सबसे अधिक होती है |
2 . शहद हर प्रकार के दूध से बढ़कर गुणकारी है |
3 . शहद में (amino acid ) अमीनो एसिड पाया जाता है , जो की फूल और पौधों से प्राप्त होता है ,इसमें औषध गुण व बलवर्धक गुण होते है |
4 . खनिज लवण व शर्करा होने के कारण यह एक सम्पूर्ण आहार है |
5 . शहद में खनिज प्राकृतिक अनुपात में होने के कारण यह बहुत जल्दी शरीर में आत्मसात हो जाता है |
6 . शहद एक हल्का व प्राकृतिक रेचक भी है |
7 . बच्चों को जन्म से ही शहद देने से बहुत से रोग ठीक हो जाते हैं और बच्चे स्वस्थ बने रहते हैं कीटाणु व छूत के प्रभाव से उनकी रक्षा होती है जन्म से ही बच्चों को शहद देकर कई बाल रोगों से बचाया जा सकता है |
असली शहद की पहचान कैसे करे :-
नैतिक स्तर पर गिरावट आने के कारण कई व्यक्तियों का ध्येय केवल धन कमाना ही रह गया है , ऐसे लोग किसी भी चीज में मिलावट करने से नहीं चूकते , शहद में भी ऐसे व्यक्तियों द्वारा नकली या मिलावटी बेचा जाता है , क्योंकि असली चीज का स्थान नकली चीज नहीं ले सकती , साधारणतः लोग असली और नकली शहद के बारे में नहीं जान पाते , अतः कई बार धोखा खा जाते हैं नीचे लिखी जानकारी से भविष्य में आपको असली और नकली शहद की पहचान हो सकती है |
1 . शुद्ध शहद पारदर्शी होता है कांच के गिलास में पानी भर कर उसमें शहद की एक बूंद टपकाएंं यदि शहद तली में बैठ जाए तो शहद शुद्ध है और तली में पहुंचने से पहले ही घुल जाए या फैल जाए तो शहद अशुद्ध, मिलावटी,नकली है |
2 . शीशे की प्लेट में धारबंद शहद टपकाने पर यदि उसकी सांप की जैसी कुंडली बन जाए तो शायद शुद्ध है | मिलावटी शहद प्लेट में गिरते ही फैल जाता है |
3 . शुद्ध शहद देखने में पारदर्शी होता है जबकि मिलावटी शहद शुद्ध शहद की तुलना में कम पारदर्शी होता है |
शुद्ध शहद में मक्खी गिर कर फसती नहीं बल्कि फड़फड़ा कर उड़ जाती है मिलावटी शहद में मक्खी फंसकर रह जाएगी काफी कोशिश के बाद भी वह उड़ नहीं सकेगी | शुद्ध शहद आंखों में लगाने पर थोड़ी जलन होगी पर चिपचिपाहट नहीं होगी और थोड़ी देर में आंखों में ठंडक का अनुभव होने लगता है | शहद की बूंदों को किसी धागे या लकड़ी पर टपका कर आग की लौ से स्पर्श कराने से पर यदि शहद जलने लगे तो यह शुद्ध है यदि ना जले तो वह मिलावटी शहद है |
4 . शुद्ध शहद यदि कुत्ते के सामने रख दिया जाए तो वह सूंघ कर छोड़ देगा जबकि मिलावटी शहद कुत्ता चाटने लगेगा |
5 . शुद्ध शहद सुगंधित होता है व ठंड में जम जाता है और गर्मी में पिघल जाता है जबकि मिलावटी शहद हर समय एक जैसा ही रहता है |
6 . शुद्ध शहद में रुई की बत्ती डुबोकर जलाने पर जलेगी |
7 . स्याही सोखता ( ब्लाटिंग पेपर ) या काटन ( रुई ) पर शहद डालने पर वह सोखेगा नहीं |
दोस्तों यह सभी उपाए असली और नकली शहद की पहचान करने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है |
आशा करते है की अब आप असली और नकली शहद को पहचानने में धोखा नहीं खायेंगे |
( धन्यवाद )
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