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Treatment of 8 kinds of diseases from potatoes

जी हां दोस्तों आज हम आपको आलू के बारे में कुछ ऐसी महत्वपूर्ण जानकारी देंगे जिनका आयुर्वेद में बहुत ही महत्व है |


  potatoes




आलू के बारे में सबसे पहले यह जान लेना चाहिए कि आलू विटामिन से भरपूर शुष्क और गर्म होने के साथ-साथ यह संपूर्ण आहार है और रोटी से पहले पचता है |
आलू के अंदर कैल्शियम,विटामिन बी, विटामिन सी एवं फास्फोरस बहुत मात्रा में पाए जाते हैं | जो लोग निरंतर आलू का प्रयोग करते हैं उनकी रक्त वाहिनी बड़ी आयु तक लचकदार बनी रहती है | तथा कठोर नहीं हो पाती इसलिए आलू खाकर लंबी आयु प्राप्त की जा सकती है |




बेरी-बेरी (Bery-Beri) :

बेरी -बेरी इस रोग में रोगी के चलने की शक्ति क्षीण हो जाती है | और वह चलने में असहाय हो जाता है | इस रोग में जंघागत नाड़ियों में क्षीणता का लक्षण विशेष रूप से होता है , इसके लिए आलू को पीस कर उसका रस निकाल लेंं , एक-एक चम्मच चरो समय रोगी को पिलायें तो रोगी को शीघ्र लाभ होगा |

विटामिन सी का खजाना है आलू :

आलू में विटामिन सी काफी मात्रा में पाए जाते हैं | उबालकर हर रोज 250 ग्राम आलू खाने वालों के शरीर से विटामिन सी की कमी दूर हो जाती है  | वैसे यदि उसे भूल कर खाया जाए तो अधिक गुणकारी है |

रक्तपित (SCURVY ) दूर करता है आलू :

यह रोग केवल विटामिन सी की कमी के कारण ही होता है | इस रोग के लक्षण यह है | कि आरंभिक  स्टेज पर रोगी के मन और शरीर की शक्ति क्षीण हो जाती है | उसका शरीर दुबला तथा चेहरे का रंग पीला पड़ जाता है थोड़ा सा काम करने पर ही उसकी सांस फूलने लगती है, शरीर पर मोटे मोटे दाने निकलते हैं, मसूड़े सूज जाते हैं उनमें से खून आने लगता है, धीरे-धीरे जैसे यह रोग बढ़ता है,तो रोगी की मांसपेशियां विशेष प्रमारक पेशियों से रक्त स्राव होकर उनमें वेदना युक्त तथा स्पर्शक्षम ग्रंथियां भी बन जाती हैं | हृदय-मांंस में भी स्राव होकर हृदय दर्द का रोग बन जाता है, नासिका आदि में भी खुला स्राव हो  सकता है, CARIES और पूथस्राव भी बह सकता है, यह सब कुछ विटामिन सी, की कमी के कारण ही होता है | इसका सबसे सरल और सस्ता उपचार यही है, कि आप हर रोज कच्चे आलू खाना प्रारंभ कर दें |

नील पड़ना :

कभी -कभी शरीर पर चोट लगने से नील से पड़ जाते है ,नील वाली जगह पर कच्चा आलू पीस कर लगा देंं |
इससे यह नील दूर हो जायेंगे |

जलने पर आलू से करे उपचार :

जली हुई त्वचा पर आलू पीसकर लगा देने से जलन दूर हो जाती है, और शरीर पर छाले भी नहीं पड़ते, यदि कोई प्राणी तेज धूप और लू के कारण झुलस गया हो तो उसके शरीर पर आलू का रस अच्छी तरह से रुई से लगा दें |

घुटने के दर्द के लिए लाभकारी है आलू :

घुटनों में किसी प्रकार का दर्द हो या सूजन आ गई हो, तो कच्चे आलू को पीसकर उस पर लेप करते रहे कुछ ही दिनों में आपका दर्द दूर हो जाएगा |

पथरी के लिए उपयोगी है आलू :

पथरी रोग के नाम से ही लोग डरते हैं ,क्योंकि इससे गुर्दों  में भी दर्द होने लगता है | ऐसे रोगी को आलू भूनकर सुबह शाम दोपहर खिलाते रहने से यह रोग 40 दिन में ठीक हो जाता है |

चर्म रोग में लाभकारी है आलू :

जिस रोगी के शरीर पर लाल फुंसियां निकल आई हैं , इनके कारण बुखार भी हो गया हो , ऐसे रोग का इलाज करने के लिए आलू को पीसकर फुंसियों वाली जगह पर अच्छी तरह से लगा दे |

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