क्यों अंगूर खाने से दिल के दौरे की संभावना कम हो जाती है ?
कितने ही वर्षो से विभन्न देशो में इरान,रोम,फ़्रांस,स्पेन,भारत आदि जगह उत्पादित फल अंगूर सोमरस से ब्रांडी तक की सफल यात्रा कर रहा है |
सुरा ( शराब ) निर्माण में विशेष रूप से उपयोग में लाये जाने वाला अंगूर विख्यात स्वास्थ्य टॉनिक "द्राक्षास्रव" का प्रमुख अवयव है | अंगूर मुख्यतः दो प्रकार के होते है |
grapes |
1 . हल्के हरे पीले रंग वाला अंगूर
2 . गहरे बैंगनी काले रंग वाला अंगूर
स्वाद की दृष्टि से हल्के हरे पीले रंग वाले अंगूर अधिक लोकप्रिय है |
परन्तु हार्ट अटैैक से बचने के लिए बैंगनी काले रंग वाला अंगूर "एस्प्रिन" की गोली की तरह कारगार है |
जिस तरह एस्प्रिन की गोली शरीर में खून के थक्के नहीं बनने देती | उसी तरह यह अंगूर भी काम करता है |
एक अध्ययन के अनुसार बैंगनी अंगूर के रस में फ्लेवोनाइडस नामक तत्व पाया जाता है, जो रक्त कणिकाओं के चिपकने की शक्ति घटा देता है | खून जमाने की प्रक्रिया की शुरुआत यहीं रक्त कणिकाएं करती हैं बैंगनी अंगूर का रस रक्त कणिकाओं के चिपकने की शक्ति को घटाकर हार्ट अटैक की संभावना को रोक देता है |
अंगूर एक ऐसी औषधि है जो कि स्वादिष्ट होने के साथ-साथ थैलेसीमिया जैसे रोग में बहुत उपयोगी है | दोष धातु मल में किसी के भी क्षीण हो जाने पर व्यक्ति अपनी खोई हुई शक्ति को पाने के लिए शक्ति वर्धक खाद्य पदार्थ को लेने की इच्छा करता है अतः जब किसी कारणवश व्यक्ति का रक्त क्षीण हो जाता है | तो उसे अंगूर अनार आदि शक्ति वर्धक द्रव्यों का सेवन करना चाहिए रक्त निर्माण करने वाले सभी तत्व अंगूरों में पाए जाते हैं |
थैलेसीमिया रोग में अंगूर से बनने वाली किसमिस तथा मुनक्का दोनों का प्रयोग विशेष रूप से किया जाता है शारीरिक स्वास्थ्य के लिए जिन-जिन तत्वों की आवश्यकता होती है वह सारे अंगूर में विद्यमान हैं | अतः इलाज के समय या बाद में रोगी को अंगूर खाने के सलाह दी जाती हैं | जिससे रोगी अपने अंदर कमजोरी महसूस ना करें अंगूर पाचन शक्ति बढ़ाता है तथा अंगूर के सेवन से मनुष्य अपनी खोई हुई शक्ति पुनः प्राप्त करता सकता है अंगूर के रस को दूध से भी अधिक शक्ति-वर्धक और रक्त-वर्धक बताया गया है | जब व्यक्ति बीमारी से उठकर अपने अंदर कमजोरी महसूस करता है | तथा पाचन शक्ति भी उस समय ठीक नहीं होती , ऐसे समय में अंगूर का सेवन प्रतिदिन नित्य कराया कराया जाए तो यह मंदाग्नि को ठीक करके जठराग्नि को प्रज्वलित करता है | शरीर की सप्त धातुओं की पुष्टि करके रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाता है | अरुचि को दूर कर भूख बढ़ाता है | थैलेसीमिया रोग के लिए भी अंगूर बहुत उपयोगी है |
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