क्या आप भी है रक्तचाप ( Blood Pressure ) से परेशान ?
ह्रदय रोग ( Cardiovascular disease) हमारे देश में मृत्यु का मुख्य कारण है | परंतु अधिकतर मृत्यु का कारण उच्च रक्तचाप (high blood pressure) होता है |
हमें यह मानकर चलना चाहिए कि उच्च रक्तचाप द्वारा हमें अधिक काम करना पड़ता है | अधिक काम करने से हृदय के पट्टे मोटे हो जाते है, और बढ़ जाते हैं | जिस कारण हृदय रक्त का पंप करने में कमजोर हो जाता है | जिस कारण रक्त फेफड़ों में तथा शरीर के अन्य भागों में एकत्रित हो जाता है | अधिक रक्तचाप का प्रभाव जब त्वचा पर पड़ता है | तो नाड़ी किसी कमजोर स्थान से कट जाती है |
उच्च रक्तचाप (high blood pressure) का मतलब यह है, कि किसी व्यक्ति का रक्तचाप हर समय ऊंचा रहे तभी हमें मानना चाहियें कि यह रक्तचाप का मरीज है | कई बार रक्तचाप मानसिक स्थिति से अथवा अधिक व्यायाम,परिश्रम करने से भी बढ़ जाता है |
रक्तचाप की बीमारी किसी एक कारण से नहीं होती इसके होने के के कारण मिल जाते हैं |
उच्च रक्तचाप के कोई लक्षण नहीं होते कई बार बीमार लोगों को ज्ञात ही नहीं होता कि उन्हें ब्लडप्रेशर हैं | इसीलिए से "मौन घातक" रोग कहते हैं |
अगर उच्च रक्तचाप का उपचार नहीं किया जाए तो 4 से 5 सालों में यह मरीज की जान ले लेता है कई बार तो 1 साल के अंदर ही असर पर डालता है |
उच्च रक्तचाप का रोग केवल बहुत बड़े अफसरों को तथा जिम्मेदारी वाले व्यक्ती को ही नहीं होता बल्कि आराम ग्रस्त युवओं को एवं बच्चों को भी हो जाता है |
उच्च रक्तचाप एक बहुत ही भयंकर बीमारी है भले ही यह हल्की शक्ल में हो या सख्त शक्ल में हो इसका उपचार अवश्य एवं शीघ्र करना चाहिए |
उच्च रक्तचाप के रोगियों को नींद भरपूर लेनी चाहिए | अगर नींद ना आए तो भी आराम से लेटे रहे तो भी रक्तचाप कम हो जाता है |
उच्च रक्तचाप के रोगियों को चाहिए कि वह अपना वजन नियंत्रित करें अधिक ना खाएं और मोटापे से बचे रहें | यदि आपका वजन अपेक्षा से अधिक है तो अपना वजन कम करें |
तंबाकू सेवन का रक्तचाप पर बहुत खराब प्रभाव पड़ता है, इसलिए रक्तचाप के रोगियों को तंबाकू का सेवन नहीं करना चाहिए | सैक्स ब्लड प्रेशर को बढ़ाता है परंतु उसका असर थोड़े समय के लिए ही रहता है अतः सैक्स का बहिष्कार करने की जरूरत नहीं है |
उच्च रक्तचाप वाले व्यक्तियों को अपना जीवन क्रम बदल लेना चाहिए , लोगों से बहस में नहीं पड़ना चाहिए , और अपने कार्यों को बहुत ही नियंत्रित ढंग से करना चाहिए , व्यायाम बहुत आवश्यक है आधे घंटे के सैर और थोड़ा व्यायाम योग आसन पर्याप्त है परंतु किसी तरह के मुकाबले में खेलें अपने आप को अधिक थका देने वाले खेल ना खेलेंं |
रक्तचाप से पीड़ित व्यक्तियों को चाहिए कि मैं जब भी अवसर मिले अपना काम छोड़कर बाहर सैर के लिए अवश्य जाएंं | हमारे भारत देश में कई ऐसी जगह है जहां मरीजों को रिलैक्स करना सिखाते हैं |
रक्तचाप के मरीज प्राकृतिक इलाज में आस्था रखें प्राकृतिक इलाज रक्तचाप कंट्रोल करने में सक्षम है |
अगर आप लंबे समय तक जीवन जीना चाहते हैं और अपने दोस्तों को भी लंबी उम्र तक देखना चाहते हैं , तो आप उन्हें सलाह दीजिए, कि वह अपने ब्लडप्रेशर की जांच कराएं तथा प्राकृतिक चिकिस्ता के नियमों का पालन करें |
सफेद चीनी का सेवन बंद कर दें, अगर मीठी चीज खानी है, तो मीठे फल अथवा गन्ना चूस कर इच्छा पूरी कर सकते हैं |
कम खाना , कम सोचना और अधिक विश्राम करने का ध्यान रखें | कठिन कामों से ब्लड प्रेशर नहीं होता परेशान और चिंताग्रस्त रहना रक्तचाप को निमंत्रण देता है |
अपने कामों में रुचि लेने का ध्यान रखें आत्मविश्वास एवं सच्चाई से जीवन व्यतीत करें चिंता मुक्त एवं प्रसन्न चित्त रहें क्रोध भावुकता एवं मानसिक तनाव से बचें कम से कम 6 से 7 घंटे विश्राम करें |
नमक खाना छोड़ दें या कम कर दें | शराब का सेवन ना करें शराब से ह्रदय को नुकसान होता है अतः शराब से बचना चाहिए |
Blood pressure |
हमें यह मानकर चलना चाहिए कि उच्च रक्तचाप द्वारा हमें अधिक काम करना पड़ता है | अधिक काम करने से हृदय के पट्टे मोटे हो जाते है, और बढ़ जाते हैं | जिस कारण हृदय रक्त का पंप करने में कमजोर हो जाता है | जिस कारण रक्त फेफड़ों में तथा शरीर के अन्य भागों में एकत्रित हो जाता है | अधिक रक्तचाप का प्रभाव जब त्वचा पर पड़ता है | तो नाड़ी किसी कमजोर स्थान से कट जाती है |
उच्च रक्तचाप (high blood pressure) का मतलब यह है, कि किसी व्यक्ति का रक्तचाप हर समय ऊंचा रहे तभी हमें मानना चाहियें कि यह रक्तचाप का मरीज है | कई बार रक्तचाप मानसिक स्थिति से अथवा अधिक व्यायाम,परिश्रम करने से भी बढ़ जाता है |
रक्तचाप की बीमारी किसी एक कारण से नहीं होती इसके होने के के कारण मिल जाते हैं |
उच्च रक्तचाप के कोई लक्षण नहीं होते कई बार बीमार लोगों को ज्ञात ही नहीं होता कि उन्हें ब्लडप्रेशर हैं | इसीलिए से "मौन घातक" रोग कहते हैं |
अगर उच्च रक्तचाप का उपचार नहीं किया जाए तो 4 से 5 सालों में यह मरीज की जान ले लेता है कई बार तो 1 साल के अंदर ही असर पर डालता है |
उच्च रक्तचाप का रोग केवल बहुत बड़े अफसरों को तथा जिम्मेदारी वाले व्यक्ती को ही नहीं होता बल्कि आराम ग्रस्त युवओं को एवं बच्चों को भी हो जाता है |
उच्च रक्तचाप एक बहुत ही भयंकर बीमारी है भले ही यह हल्की शक्ल में हो या सख्त शक्ल में हो इसका उपचार अवश्य एवं शीघ्र करना चाहिए |
उच्च रक्तचाप के रोगियों को नींद भरपूर लेनी चाहिए | अगर नींद ना आए तो भी आराम से लेटे रहे तो भी रक्तचाप कम हो जाता है |
उच्च रक्तचाप के रोगियों को चाहिए कि वह अपना वजन नियंत्रित करें अधिक ना खाएं और मोटापे से बचे रहें | यदि आपका वजन अपेक्षा से अधिक है तो अपना वजन कम करें |
तंबाकू सेवन का रक्तचाप पर बहुत खराब प्रभाव पड़ता है, इसलिए रक्तचाप के रोगियों को तंबाकू का सेवन नहीं करना चाहिए | सैक्स ब्लड प्रेशर को बढ़ाता है परंतु उसका असर थोड़े समय के लिए ही रहता है अतः सैक्स का बहिष्कार करने की जरूरत नहीं है |
उच्च रक्तचाप वाले व्यक्तियों को अपना जीवन क्रम बदल लेना चाहिए , लोगों से बहस में नहीं पड़ना चाहिए , और अपने कार्यों को बहुत ही नियंत्रित ढंग से करना चाहिए , व्यायाम बहुत आवश्यक है आधे घंटे के सैर और थोड़ा व्यायाम योग आसन पर्याप्त है परंतु किसी तरह के मुकाबले में खेलें अपने आप को अधिक थका देने वाले खेल ना खेलेंं |
रक्तचाप से पीड़ित व्यक्तियों को चाहिए कि मैं जब भी अवसर मिले अपना काम छोड़कर बाहर सैर के लिए अवश्य जाएंं | हमारे भारत देश में कई ऐसी जगह है जहां मरीजों को रिलैक्स करना सिखाते हैं |
रक्तचाप के मरीज प्राकृतिक इलाज में आस्था रखें प्राकृतिक इलाज रक्तचाप कंट्रोल करने में सक्षम है |
अगर आप लंबे समय तक जीवन जीना चाहते हैं और अपने दोस्तों को भी लंबी उम्र तक देखना चाहते हैं , तो आप उन्हें सलाह दीजिए, कि वह अपने ब्लडप्रेशर की जांच कराएं तथा प्राकृतिक चिकिस्ता के नियमों का पालन करें |
सफेद चीनी का सेवन बंद कर दें, अगर मीठी चीज खानी है, तो मीठे फल अथवा गन्ना चूस कर इच्छा पूरी कर सकते हैं |
कम खाना , कम सोचना और अधिक विश्राम करने का ध्यान रखें | कठिन कामों से ब्लड प्रेशर नहीं होता परेशान और चिंताग्रस्त रहना रक्तचाप को निमंत्रण देता है |
अपने कामों में रुचि लेने का ध्यान रखें आत्मविश्वास एवं सच्चाई से जीवन व्यतीत करें चिंता मुक्त एवं प्रसन्न चित्त रहें क्रोध भावुकता एवं मानसिक तनाव से बचें कम से कम 6 से 7 घंटे विश्राम करें |
नमक खाना छोड़ दें या कम कर दें | शराब का सेवन ना करें शराब से ह्रदय को नुकसान होता है अतः शराब से बचना चाहिए |
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