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engage children's mind in studies

यदि बच्चों का पढ़ाई में ध्यान नहीं लगता तो करे यह उपाय : बच्चों की पढ़ाई के लिए सबसे ज्यादा चिंता माता-पिता को होती है | माता पिता हमेशा चाहते हैं कि उनके बच्चे पढ़ लिखकर जीवन में एक अच्छा मुकाम हासिल करें | इसलिए वह बच्चों पर थोड़ी सख्ती भी करते है | जैसे -बच्चों को  खेलने से रोकना , पढ़ाई के लिए बार-बार बोलना ,अच्छी से अच्छी जगह ट्यूशन लगाना आदि | लेकिन बच्चे फिर भी अच्छे अंक प्राप्त करने में असमर्थ रहते हैं |   बच्चों का मन पढ़ाई में लगे और वह अच्छे अंको से पास हो इसके लिए एकाग्रता बहुत जरूरी है  | अगर आप भी ज्योतिष ,वास्तुु, फेंगशुई को मानते हैं | तो इनमे बहुत से ऐसे उपाय हैं जिनके जरिए हम बच्चों की एकाग्रता को बढ़ा सकते हैं | प्रकृति में सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ऊर्जा प्रवाहित हो रही है  वास्तु और फेंगशुई का काम है दोनों  ऊर्जाओं का संतुलन बनाए रखना और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देना इसके लिए हमें वास्तु और फेंगशुई के नियमों का पालन करना होगा | 1 .  बच्चों का अध्ययन कक्ष हमेशा पश्चिम या दक्षिण दिशा में बनाना चाहिए क्योंकि इससे स्थायित्व रहता है       2 . बच्चों के अध्ययन  कक्ष 

Best herbal tea for winter

त्रिदोष नाशक हर्बल चाय cold and cough सर्दी का मौसम आते ही जुकाम खांसी का होना एक आम बात हो गई है वैसे तो मौसम कोई भी को अपने साथ बीमारियां लाता ही है | इसी तरह सर्दी में जुकाम खांसी का होना कोई बड़ी बात नहीं |  आज हम आपको सर्दी से होने वाले रोग जैसे - जुकाम-खांसी आदि से बचाव के लिए कुछ आयुर्वैदिक चाय के बारे में जानकारी दे रहे है | इन्हें बनाना बहुत ही आसान है | और यह बहुत लाभदायक है और इनसे किसी भी तरह का नुकसान नहीं है |  त्रिदोष नाशक हर्बल चाय -:  Image by  Pashminu Mansukhani  from  Pixabay                                         यह चाय हमारे शरीर से वात-कफ-पित्त को जड़ से समाप्त कर देती है | इसका सेवन आप नियमित करे और इसका असर देखे यह बहुत ही दुर्लभ है |  इसे बनाने के लिए एक कप गरम पानी में एक चम्मच अदरक का रस , एक नींबू का रस , दो चम्मच शहद मिलाकर इसका प्रतिदिन सेवन करे |  इसे पीने से पुराने से पुराना नजला -जुकाम , खांसी एवं दमे से राहत मिलती है | यह वायु विकार ,कब्ज में विशेष लाभकारी है | ह्रदय रोग , रक्तचाप , मन्

how medicine made from these 5 spices

 इन पांच मसालों में छुपा है कितने रोगों का इलाज ?  Spices rich in taste and health    घर की रसोई में कई ऐसे मसाले होते हैं जिनका उपयोग कर हम कई स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकते हैं आयुर्वेद के अनुसार ऐसी ही कुछ औषधियों की जानकारी हम आप तक पहुंचा रहे हैं | दाल,भात,सब्जी,रायता आदि बनाते समय तड़का (छौंक) लगाने का प्रचलन सदियों पुराना है | यह खाने को स्वादिष्ट तो बनाता ही है साथ ही हमारे शरीर को भी सेहतमंद रखता है | तड़का (छौंक)  लगाने के लिए हींग, जीरा, अजवाइन, मेथी, धनिया आदि का प्रयोग किया जाता है | हींग और जीरा का प्रयोग तो लगभग सभी सब्जी और दालों में किया जाता है  |  मेथी, धनिया, अजवाइन का प्रयोग खास व्यंजन में किया जाता है  |  जैसे - मेथी का प्रयोग कड़ी सीताफल की सब्जी और उड़द की दाल के लिए होता है किया जाता है अजवाइन का प्रयोग भिंडी अरबी की सब्जी के लिए किया जाता है | धनिया   का प्रयोग बैगन आदि की सब्जी के लिए किया जाता है  |  अजवायन के गुण -: यह हल्की चटपटी ,तीक्ष्ण पाचक ,उष्ण ,रुचिकारक ,पेट के कीड़ो को नष्ट करने वाली , अग्न

Be careful on Diwali

Be careful on Diwali दीपावली मतलब हर्षोल्लास का त्यौहार जी हाँ दोस्तों दीपावली हम भारतीयों के लिये बहुत बड़ा त्यौहार है | :  sparklers दीपावली पर अगर पटाखों का धूम-धडाका ना हो तो कुछ कमी सी महसूस होती है लेकिन पटाखों से निकलने वाले धुओं से आपको सावधान रहने की आवश्यकता है क्युकी पटाखों से निकलने वाला यह जहरीला धुआं हमारे स्वास्थ के लिए बहुत ही हानिकारक है इस धुएं से श्वास सम्बंधित रोग होने के खतरे बढ़ जाते है | जिन्हें अस्थमा एवं श्वास से सम्बंधित रोग है उन्हें दीपावली के इस पावन त्यौहार पर बहुत ही सावधानी बरतने की आवश्यकता है | दीपावली पर कैसे रहे सावधान ? जगमगाती रोशनी उल्लास और उमंग का त्यौहार है दीपावली हर तरफ दीपों की जगमगाहट और रंग बिरंगी आतिशबाजी दीपावली के त्यौहार को और भी खास बनाती है | हमारा भारत देश अमावस की रात में भी दीपों और पटाखों रोशनी से जगमगा उठता है | और इन नजारों को देखकर हम भारतीय ही नहीं विदेशी पर्यटक भी रोमांच से भर जाते है | लेकिन इन पटाखों के जलाने पर इनमे से निकलने वाली सल्फर डाइआँक्साइड तथा नाइट्रो

Excess consumption of energy drinks is fatal

ऊर्जा पेय (energy drinks) का अधिक सेवन हानिकारक हैं : energy drinks आजकल ऊर्जा पेय (energy drinks) का सेवन बहुत ही प्रचलन में है , खासकर युवओं के लिए यह एक तरह से फैशन (vogue) सा बन गया है वह इसके बिना रह ही नहीं सकते थोड़ी सी थकावट होने पर उन्हें तुरंत ऊर्जा पेय (energy drinks) चाहिए , शायद वह यह नहीं जानते की ऊर्जा पेय (energy drinks) का अधिक सेवन उनके लिए कितना हानिकारक है |ऊर्जा पेय (energy drinks) का असर सबसे ज्यादा युवाओं पर ही होता है क्योंकि युवा ही इसका अधिक सेवन करते हैं थोड़ी सी थकावट होते ही उनको ऊर्जा पेय (energy drinks) चाहिए | ऊर्जा पेय (energy drinks) क्यों है हानिकारक : ऊर्जा पेय (Energy drinks) के अधिक सेवन से ब्लड प्रेशर (blood pressure ) बढ़ सकता है और हृदय की गति बाधित हो सकती है ऊर्जा पेय (Energy drinks) में कैफीन, टॉरिन और अन्य उत्तेजक पदार्थों के उच्च स्तरिय हानिकारक तत्व होते हैं और इनके दुष्प्रभाव ब्लड प्रेशर (blood pressure ) बढ़ाते हैं और इससे दिल के दौरे(heart attack) की संभावना बढ़ जाती है ,इसके अलावा जानलेवा अ

Aloe vera is Ayurvedic Medicine

क्या एलोवेरा है एक युर्वेदिक औषधि ? एलोवेरा कहे या घृतकुमारी ऐसे ही ना जाने कितने ही नाम है इस आयुर्वैदिक संजीवनी के | एलोवेरा का यह छोटा सा पौधा मिल भी बड़ी आसानी से जाता है |आजकल तो घरो में भी एलोवेरा का पौधा देखने को मिलता है | लेकिन इसके औषधीय गुणों के बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं | एलोवेरा का यह छोटा सा पौधा कई औषधीय गुणों से भरा है | इस छोटे से पौधे में कितने आयुर्वैदिक गुण है | आइए जानते है इसके आयुर्वैदिक गुणों के बारे में :-  Aloe vera is Ayurvedic Medicine अगर आप भी चाहते है कि घर बैठे ही आप सुन्दर और स्वस्थ रहे तो एलोवेरा इसमें आपकी बहुत मदद कर सकता है | एलोवेरा एक बेहतरीन एंटीबायोटिक और एंटीसेप्टिक के रूप में काम करता है | इसमें हमारे शरीर की अंदरूनी सफाई करने एवं हमारे शरीर को अन्दर से रोगाणु मुक्त रखने के गुण मोजूद है | यह हमारे शरीर की छोटी एवं बड़ी नस तथा नाड़ियो की सफाई बहुत ही अच्छी तरह से करता है |इसके अतिरिक्त एलोवेरा हमारे स्वास्थ के लिए और भी कई प्रकार से लाभकारी है | जैसे :- वजन कम करता है एलोवेरा : व्यस्त जीवनशैली , फ

Dysentery symptoms and treatment

पेचिश,अतिसार (diarrhoea) रोग के लक्षण : diarrhoea पेचिश पेट से सम्बंधित रोग है | यह रोग उड़द, चना , मावा आदि से बने खाद्य पदार्थों के सेवन से और हल्के पदार्थों का भी अधिक मात्रा में सेवन करने से होते हैं | जो भोज्य पदार्थ अधिक तेल,घी से युक्त हो या अधिक मसाले के मिश्रण से बने हो, उनसे भी पेचिश की बीमारी को हो जाती है | इस रोग में बार-बार पेट में मरोड़ सी होती है ,और शौच जाने की शंका बनी रहती है ,दस्त अधिक नहीं होते हैं , दस्त की जगह इसमें चिकनाई लिया हुआ पदार्थ जिसे आंव कहते हैं, मिला रहता है | कभी-कभी खून भी आ जाता है, परंतु कभी-कभी खून और आंव दोनों मिले हुए आते हैं | पेट और गुदा में एंठन सी होती है | जिससे रोगी को पीड़ा अधिक होती है | और बेचैनी सी होने लगती है कभी-कभी सामान्य रूप से बुखार भी आ जाता है | आज के समय इस रोग में अधिक वृद्धि होती जा रही है और इस रोग के भयंकर परिणाम भी आए दिन सामने आ रहे हैं जैसे - आंतों की सूजन, आंतों का फैल जाना या सिकुड़ जाना, आंतों में घाव हो जाना, संग्रहणी आदि अनेक रोग हैं जिनका रूप भयानक होता

Rainy season and your health

बारिश का मौसम और आपकी सेहत : Rainy Season and your health बारिश का मौसम हर किसी को लुभाता है इस मौसम में भीगना शायद ही किसी को अच्छा न लगता हो | किंतु दिल में स्वास्थ्य को लेकर एक चिंता भी बनी रहती है कि कहीं बारिश में भीगने से हमारी सेहत अथवा हमारी त्वचा पर कोई बुरा असर ना हो | यदि हमारा स्वास्थ्य ठीक है तभी हम किसी भी मौसम का भरपूर आनंद ले सकते हैं | अन्य मौसमों की तरह मानसून में भी शरीर अनेक विकारों का सामना कर सकता है | यदि थोड़ी सी सावधानी बरती जाए तो हम इस बरसाती मौसम का भरपूर आनंद ले सकते हैं | बरसात के मौसम में इन बातों का रखें ख्याल : बरसात में अधिक समय तक भीगने से बचे | यदि कभी ऐसा मौका आ जाए तो सिर को कम से कम भीगने दें | भीग जाने पर तुरंत सबसे पहले सिर को सुखा लें वरना वहां भारीपन एवं दर्द आदि हो सकता है | मेहनत वाले काम जिनमे पसीना अधिक आता हो जैसे – साइकिल चलाना .मजदूरी करना .कपड़े धोना ऐसे काम करने से पसीना अधिक आता है और शरीर भी गर्म हो जाता है | अतः ऐसे काम करने के बाद बारिश में भीगने से बचें | यदि आप अधिक परिश्रम कर